प्रयागराज/कोरांव,,,, प्रयागराज पुलिस को हुआ क्या है,,, जिस जिले में नंदगोपाल नंदी जैसे महान नेता हो, रीता बहुगुणा जोशी अनुभवी शिक्षित नेता हो, सिदार्थ नाथ जैसे ईमानदार नेता हो उसे जिले में पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या हाल होता होगा, आलाधिकारी पीड़ित पत्रकारों की फरियाद सुनना तक नहीं चाहते आखिर क्यों
क्यों पत्रकारों का बैरी बनी हुई है प्रयागराज पुलिस ,,
जिले में इनदिनों पत्रकारों पर अपराधियो, माफियाओ के द्वारा हमले की कई घटना घटित हुई जिसमे से प्रमुख रूप से दैनिक घटनाएँ के संपादक संतोष कुमार पर अवधेश गुप्ता , साथी अरुण गौतम उर्फ़ कमांडो मय गुर्गे के साथ घटित की गई जिसकी कार्यवाही अभी तक नहीं हुई अपराधी बैखौफ सड़को पर धूम रहे है दूसरा गंगा पार स्थित सराय इनायत थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा पत्रकारों की पिटाई का मामला है जिसमे पुलिस अभी तक सख्त कार्यवाही नहीं की दोषी पुलिसकमियों को दण्डित नहीं किया गया तीसरा मामला शंकरगढ़ का है जहा माफियाओ द्वारा अधरात्रि को बीडी न देने पर पत्रकार के दादा जी को लहूलुहान कर दिया तथा जान से मारने की घमकी दी गई इसमे भी पुलिस ने कुछ नहीं किया सिर्फ कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति की गई
अब सवाल यह उठता है कि जब पुलिस द्वारा पत्रकारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है तो आम जनता को कैसे न्याय मिलता होगा योगी की प्रयागराज पुलिस,,, नाकारा हो गई है क्या ,,, क्यों सरकारी फरमानो को नहीं मानती या उनको स्थानीय नेताओ व मत्रियो का डर नहीं रहा या नेताओ के आपसी गुटबंदी का शिकार आम जनता व पत्रकार हो रहा है
पत्रकारों पर लगतार हो रहे हमले को लेकर इनदिनों कई पत्रकार संगठन सक्रीय हो उठे है और यूपी सरकार से जवाब मांग रहे है कि पत्रकारों पर हमला करने वालो अपराधियो पर प्रयागराज पुलिस कार्यवाही क्यों नहीं करती,,,कई पत्रकार संगठनों ने पुलिस के इस कार्यशैली पर घोर निंदा की है और कहा अगर योगी सरकार पत्रकारों पर हो रहे हमले को नहीं रोका तो पत्रकार संगठन सड़को पर उतर कर आन्दोलन करेगे और बताया यूपी में इनदिनों अपराध काफी बढ़ गए है अपराधी खुले आम स्थानीय पुलिस से गठजोड़ कर अपराध करते है
प्रयागराज पुलिस के उपेक्षा का शिकार का मामला थाना कोरांव अंतर्गत ग्राम पंचायत बेलवनिया का है जहा पत्रकार रोहित सिंह tv1 इण्ड़िया चैनल का प्रयागराज ब्यूरोचीफ है तथा पत्रकार महा संघ का तहसील अध्यक्ष भी है जोकि अक्सर अपराधियों के बारे में खबर निकालने का कार्य किया करता रहता है।
23 जुलाई को कोरांव से वह अपने घर जा रहा था तभी रास्ते में फोन आया, फोन पर उसने अपना परिचय बसन्त पटेल पुत्र ताड़केश्वर पटेल ग्राम बरी तहसील डाला जनपद सोनभद्र बताया और भद्दी भद्दी गालियां देते हुए पत्रकारिता बंद कर देने की धमकी देने लगा और कहा अब तुम्हें जीने का हक नहीं है तुम्हारा समय नजदीक आ चुका है और तुम्हारी सारी पत्रकारिता गायब हो जाएगी। उसके बाद पीडित को फोन नम्बर 9794357401 पर भी इस मोबाइल नंबर 9118346172 पर जान से मारने की धमकी दी गई। धमकी देने वाले ने अपना नाम बसंत पटेल बताया
इस घटना को लेकर पीड़ित पत्रकार मानसिक रूप से परेशान है। मेरे साथ किसी भी समय कोई अप्रिय घटना हो सकती है जिसकी जान माल की सुरक्षा के लिए थाना प्रभारी निरीक्षक कोरांव से प्रार्थना पत्र देकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है पर इसमे भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है
पुलिस पत्रकारवार्ता के दौरान इन्ही पत्रकारों को आमंत्रित करती है और अपनी बात इन्ही से कहती है और यही पत्रकार साथी इनकी बाते या योजनाओ को प्रचारित प्रसारित किया करते है जब इन्ही पत्रकारों पर कोई समस्या आ जाती है तो पुलिस नज़ारे घुमाकर कार्यवाही के नाम पर आनाकानी किया करती है ये जनता के सेवक है न की शासक ,,,समय रहते यूपी सरकार पत्रकारों की सुरक्षा व अपराधियों द्वारा हमले पर सख्त कार्यवाही का पावघान सुनिक्षित नहीं करती तो पत्रकार समूह आंदोलित होने को बाध्य होगे,,